महाशिवरात्रि र्वत कथा MAHASHIVRATRI VRAT KATHA शिवरात्रि की कहानी SHIVRATRI KI KAHANI 2022

महाशिवरात्रि र्वत कथा MAHASHIVRATRI VRAT KATHA शिवरात्रि की कहानी SHIVRATRI KI KAHANI 2022 
                   
महाशिवरात्रि

                   




                                                                       महाशिवरात्रि र्वत कथा 
नमस्कार दोस्तो आज के मेरे यह पोस्ट मे हम आपको महाशिवरात्रि र्वत की एक सुन्दर कहानी लेकर आया हुँ एक समय की बात है कि किसी गाँव मे एक सास बहु रहती थी सास अपनी बहु को बहुत दुख देती थी वही बहु सीधी साधी अपनी सास की अत्याचार सहती रहती थी एक दिन शिवरात्रि का त्योहार था बहु भोलेनाथ की परम भगत थी उसने शिवरात्रि का र्वत रखा था उसके पडोस मे सभी लोग पकवान बनाकर सज सवर कर भोलेनाथ के मंदिर जाने के लिए तैयार हो रही थी  जैसे ही बहु मंदिर जाने के लिए तैयार हो कर सास के पास गई सास बोली तु कहा जा रही है बहु बोली माता जी आज शिवरात्रि का त्योहार है मै शिव जी का पुजा करने मंदिर जा रही हूँ  सास बोली जा कर खेत में फसल को देख कौवा और चिडिया सारी फसल को खराब कर रही है तु मंदिर जाकर का ररेगी क्या भगवान तुझे खाने  के लिए दे देगे अब  बेचारी बहु क्या करती खेत पर चली गई  रास्ते मे जाते हुए उसने लोगो को मंदिर जाते हुए देख कर रोना आ गया वह खेतो पर जाकर खुब रोई वही भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती यह सब देख रही थी माता पार्वती से उसका रोना देखा नही गया उन्होंने  भगवान शिव से कहा हे नाथ आप देखी एतो यह अबला नारी आपकी पुजा करने के लिए कैसे रो रही है अब भगवान शिव और माता पार्वती एक सेठ और सेठानी का रूप लेकर बहु के पास गय और बोले क्या बात है बेटी तुम क्यों रो रही हो तुमे क्या कष्ट है तब बहु बोली मैं अपनी किस्मत पर रो रही हूँ आज शिवरात्रि का दिन है और भौलेनाथ का बडा र्वत है और गाँव के सभी औरते  मंदिर जाकर शिव जी का पुजा कर रही है और मैरी सास ने मुझे यहाँ पर खेतो मे कवाँ और चिडियां उडाने को भेज दी है और मै अभागिन आज के दिन चिडियों को उडा रही हूँ तब सेठ के रुप मे आए भोलेनाथ  को  उस पर दाया आ गई उन्होने बहु को ढेर सारा धन दौलत्त दिया और उस से कहा तुम घर जाव और भगवान शिव जी  का पुजा कर लो और मै तुम्हारा खेतो का देख भाल मैं करूगा यह बात सुन कार बहु खुश हो गई और दौडी़ दौडी़ घर जाकर भगवान शिव का पुजा करने लगी उसको  देख कर सास बोली तुम तो खेत पर गई थी न तो घर क्यू आ गई तो बहु ने सेठ और सेठानी का सारी बात बाता दी सास दौडी़ दौडी़ खेत पर गई  और देखती है कि उसकी खेतो मे फसल के जगह हीरे मोती लहृर रही है उसने बहु से इसके पिछे के कारण पुछा तो बहु ने भोलेनाथ का सारा महीमा बाता दी  तो सास  बोली अच्छा तो अगले वर्ष मैं भी शिवरात्रि का र्वत

करूगी अगले वर्ष शिवरात्रि का त्योहार आया और सास ने र्वत  रखा और तैयार हो कर खेतो पर पहुँची और वहाँ जाकर जोर जोर से रोने लगी तो भगवान भोलेनाथ माता पार्वती सेठ सेठानी के रूप मे वहाँ पहुँचे और बुढीया सास से पूछा कि तुम क्यू रो रही हो तो सास बोली मेरी बहु मुझे बहुत परेशान करती है और आज मुझे खेतो के रख वाली के लिए भेज दिया जब की मेरी आज शिवरात्रि का र्वत है तब उसे भगवान शिव और माता पार्वती ने उसे कहा तुम घर जाल और अपना र्वत पुरा करो हम तुम्हारे खेत का देख भाल करगे तब  लालची बुढीया ने बोला की आपने मुझे  कुछ दिया नही तब भगवान शिव बोले तुम घर जाव तुम्हारे घर पर सब कुछ तुमे मील जाय गा तब बुढीया घर पहूँची तो उसके पुरे शरीर पर छाले  पर गया था उसने बहु को गालीया देने लगी तभी भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती वहाँ परगट हुँए और बुढीया से बोले बुढीया तुने लालच मे आकर हमारा र्वत किया था जब की तेरी बहु ने सच्चे मन से शिवरात्रि का र्वत किया था अब सास बहु भोलेनाथ के आगे हाथ जोडकर खंडी हो गई बहु बोली र्पभु   मेरे सास को इस पाप से मुगकत कि जिए तब शिव जी के कृपा से बुढीया के शरीर पर के सभी छाले ठीक हो गई  तबी उसी दिन से सास बहु मिलकर भोलेनाथ का पुजा अर्चना करने लगी 
   तो दोस्तो कैसी लगी आज की यह कथा और भगवान शिव जी का यह महीमा हम अशा कर रहे  है अच्छा लगी हो गी........

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