स्वतंत्रता संग्राम के नारे
भारत के स्वतंत्रता संग्राम में नारों की विशेष भूमिका है. स्वतंत्रता के लिए बोले गए हर नारे ने भारतीय क्रांतिकारियों में जान फूंक दी कि हर नारा अंग्रेजों के ताबूत में आखिरी कील साबित हुआ. यहां स्वतंत्रता संग्राम के समय के कुछ ऐसे ही नारों का जिक्र है:
भगत सिंह का प्रमुख नारे
नारे
इन्कलाब जिन्दाबाद,
साम्राज्यवाद का नाश हो,
क्रांति की तलवार में धार वैचारिक पत्थर पर रगड़ने से ही आती है।
कब और कहा दिया गया
शहीद-ए-आजम के पूरे परिवार के खून में देशभक्ति दौड़ती थी और इसी वजह से भगत सिंह के अंदर भी देशभक्ति का जुनून सवार था। जब 23 मार्च 1931 को उन्हें लाहौर की जेल में उन्हें फांसी दी जा रही थी तो उस दौरान भगत सिंह ने नारा दिया 'इंकलाब जिंदाबाद' और इसके बाद वो मुस्कुराते रहे और देश के शहीद हो गए।
सुभाष चन्द बोस का प्रमुख नारे
दिल्ली चलो, जय हिन्द, तुम मुझे खुन दो मैं तुम्हें आजादी दूँगा।
कब और कहा दिया गया।
उन्हें 'आजाद हिंद फौज' के संस्थापक के रूप में जाना जाता है और उनका प्रसिद्ध नारा है 'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा'।
महात्मा गाँधी जी का प्रमुख नारे
नारे
करो या मरो, हे राम, भारत छोडो़
कब और कहा दिया गया।
भारत छोड़ो भाषण 8 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन छेड़ते समय महात्मा गांधी द्वारा दिया गया भाषण है। इसी भाषण में उन्होंने भारतीयों से दृढ़ निश्चय के लिए आह्वान करते हुए 'करो या मरो' का नारा दिया।
जवाहरलाल नेहरू का प्रमुख नारे
नारे
पूर्ण स्वराज्य, आराम हराम है।, हू लिव्स इफ इंडिया डाइज
कब और कहा दिया गया।
पूर्ण स्वराज – जवाहरलाल नेहरू
31 दिसम्बर 1929 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का वार्षिक अधिवेशन तत्कालीन पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर में हुआ।
दयानन्द सरस्वती का प्रमुख नारे
नारे
वेदों की ओर लौटो
कब और कहा दिया गया।
उन्होंने वेदों के प्रचार और आर्यावर्त को स्वंत्रता दिलाने के लिए मुम्बई में आर्यसमाज की स्थापना की। वे एक संन्यासी तथा एक चिन्तक थे। उन्होंने वेदों की सत्ता को सदा सर्वोपरि माना। 'वेदों की ओर लौटो' यह उनका प्रमुख नारा था।
लाल बहादुर शास्त्री का प्रमुख नारे
नारे
जय जवान, जय किसान
कब और कहि दिया गया।
(1965 के पाकिस्तान युद्ध के समय ) अक्टूबर 1965 में दशहरे के दिन दिल्ली के रामलीला मैदान में शास्त्रीजी ने पहली बार-जय जवान जय किसान का नारा दिया। शास्त्रीजी ने लोगों से सप्ताह में एक दिन व्रत रखने को कहा, यही नहीं उन्होंने खुद भी व्रत रखना शुरू कर दिया था।
मंगल पांडे का प्रमुख नारे
नारे
मारो फिरंगी को
कब और कहा दिया गया।
अंग्रेजों के खिलाफ सिर उठाने वाले भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के पहले क्रांतिकारी के तौर पर विख्यात मंगल पांडे ने पहली बार 'मारो फिरंगी को' का नारा देकर भारतीयों का हौसला बढ़ाया था. उनके विद्रोह से ही प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत हुई थी. 29 मार्च 1857 को मंगल पांडे ने अंग्रेजों के खिलाफ मोर्चा खोला था.
विनोबा भावे का प्रमुख नारे
नारे
जय जगत
कब और कहा दिया गया।
8 अप्रैल 1923 को विनोबा वर्धा के लिए प्रस्थान कर गए। वहां उन्होंने 'महाराष्ट्र धर्म' मासिक का संपादन शुरू किया। मराठी में प्रकाशित होने वाली इस पत्रिका में विनोबा ने नियमित रूप से उपनिषदों और महाराष्ट्र के संतों पर लिखना आरंभ कर दिया, जिनके कारण देश में भक्ति आंदोलन की शुरुआत हुई थी।
सरदार बल्लभ भाई पटेल का प्रमुख नारे
नारे
कर मत दो
कब और कहा दिया गया।
बारदोली सत्याग्रह, बारदोली सत्याग्रह भारतीय स्वाधीनता संग्राम के दौरान जून 1928 में गुजरात में हुआ यह एक प्रमुख किसान आंदोलन था जिसका नेतृत्व वल्लभ भाई पटेल ने किया था।
जय प्रकाश नारायण का प्रमुख नारे
नारे
सम्पूर्ण क्रांति
कब और कहा दिया गया।
(11 अक्टूबर, 1902 - 8 अक्टूबर, 1979) (संक्षेप में जेपी) भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता थे। उन्हें 1970 में इंदिरा गांधी के विरुद्ध विपक्ष का नेतृत्व करने के लिए जाना जाता है। इन्दिरा गांधी को पदच्युत करने के लिये उन्होने 'सम्पूर्ण क्रांति' नामक आन्दोलन चलाया। वे समाज-सेवक थे, जिन्हें 'लोकनायक' के नाम से भी जाना जाता है
श्याम लाल गुप्त पार्षद का प्रमुख नारे
नारे
विजयी विश्व तिंरगा प्यारा
कब और कहा दिया गया।
स्वतन्त्र भारत ने उन्हें सम्मान दिया और १९५२ में लालकिले से उन्होंने अपना प्रसिद्ध 'झण्डा गीत' गाया। १९७२ में लालकिले में उनका अभिनन्दन किया गया। १९७३ में उन्हें 'पद्म श्री' से अलंकृत किया गया। १० अगस्त १९७७ की रात को इस समाजसेवी, राष्ट्रकवि का महाप्रयाण नंगे पैर में काँच लगने के कारण हो गया।
बंकिमचन्द्र चटर्जी का प्रमुख नारे
नारे
वन्दे मातरम्
कब और कहा दिया गया।
बंगाली: বঙ্কিমচন্দ্র চট্টোপাধ্যায়) (२७ जून १८३८ - ८ अप्रैल १८९४) बांग्ला भाषा के प्रख्यात उपन्यासकार, कवि, गद्यकार और पत्रकार थे। भारत का राष्ट्रगीत 'वन्दे मातरम्' उनकी ही रचना है जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के काल में क्रान्तिकारियों का प्रेरणास्रोत बन गया था। रवीन्द्रनाथ ठाकुर के पूर्ववर्ती बांग्ला साहित्यकारों में उनका अन्यतम स्थान है।
रवीन्द्र नाथ ठाकुर का प्रमुख नारे
नारे
जन-गण-मन अधिनायक जय हे
कब और कहा दिया गया।
विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार, दार्शनिक और भारतीय साहित्य के नोबल पुरस्कार विजेता हैं। उन्हें गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है। बांग्ला साहित्य के माध्यम से भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नयी जान फूँकने वाले युगदृष्टा थे। वे एशिया के प्रथम नोबेल पुरस्कार सम्मानित व्यक्ति हैं। वे एकमात्र कवि हैं जिसकी दो रचनाएँ दो देशों का राष्ट्रगान बनीं - भारत का राष्ट्र-गान 'जन गण मन' और बाँग्लादेश का राष्ट्रीय गान 'आमार सोनार बांङ्ला' गुरुदेव की ही रचनाएँ हैं।
बाल गंगाधर तिलक का प्रमुख नारे
नारे
स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है
कब और कहा दिया गया।
लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक वही महान शख्सियत हैं, जिन्होंने 'स्वराज हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर ही रहूंगा' का नारा दिया था। अंग्रेजों से आजादी की लड़ाई में इस नारे का काफी प्रचलन था। एक अगस्त 1920 को लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक का मुंबई में देहांत हो गया था।
राम प्रसाद बिस्मिल का प्रमुख नारे
नारे
सरफरोशी की तमन्ना, अभ हमारे दिल में है देखना है कि कितना जोर बाजुए का दिल में है।
कब और कहा दिया गया।
राम प्रसाद 'बिस्मिल' (11 जून 1897 - 19 दिसम्बर 1927) भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की क्रान्तिकारी धारा के एक प्रमुख सेनानी थे, जिन्हें 30 वर्ष की आयु में ब्रिटिश सरकार ने फाँसी दे दी। वे मैनपुरी षड्यन्त्र व काकोरी-काण्ड जैसी कई घटनाओं में शामिल थे तथा हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के सदस्य भी थे।
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इकबाल का प्रमुख नारे
नारे
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा
कब और कहा दिया
1904 में तराना-ए-हिंद ('हिंदी हैं हम वतन है हिंदोस्तां हमारा') लिखने वाले इक़बाल ने 1910 में तराना-ए-मिल्ली('मुस्लिम हैं हम, वतन है सारा जहाँ हमारा') लिख दिया. दो दशक बाद 1930 में इलाहाबाद में मुस्लिम लीग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने मुसलमानों के लिए अलग देश का विचार उछाल दिया
लाला लाजपत राय का प्रमुख नारे
नारे
साइमन कमीशन वापस जाओ, मेरे सिर पर लाठी का एक एक प्रहार, अंग्रेजी शासन के ताबूत की कील साबित होगा
कब और कहा दिया गया।
(28 जनवरी 1865 – 17 नवम्बर 1928) भारत के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे। इन्हें पंजाब केसरी भी कहा जाता है। इन्होंने पंजाब नैशनल बैंक और लक्ष्मी बीमा कम्पनी की स्थापना भी की थी ये राय सिख बिरादरी के असली हीरो थे ये भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में गरम दल के तीन प्रमुख नेताओं लाल-बाल-पाल में से एक थे। सन् 1928 में इन्होंने साइमन कमीशन के विरुद्ध एक प्रदर्शन में हिस्सा लिया, जिसके दौरान हुए लाठी-चार्ज में ये बुरी तरह से घायल हो गये और अन्ततः १७ नवम्बर सन् १९२८ को इनकी महान आत्मा ने पार्थिव देह त्याग दी।
अबुल कलाम आजाद का प्रमुख नारे
नारे
मुसलमान मुर्ख थे, जो उन्होंने सुरक्षा की माँग की ओर हिन्दू उनसे भी मूर्ख थे, जो उन्होंने उस माँग को ठुकरा दिया।
कब और कहा दिया गया।
(11 नवंबर, 1888 - 22 फरवरी, 1958) एक प्रसिद्ध भारतीय मुस्लिम विद्वान थे। वे कवि, लेखक, पत्रकार और भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। भारत की आजादी के बाद वे एक महत्त्वपूर्ण राजनीतिक पद पर रहे। वे महात्मा गांधी के सिद्धांतो का समर्थन करते थे। खिलाफत आंदोलन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। 1923 में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सबसे कम उम्र के प्रेसीडेंट बने। वे 1940 और 1945 के बीच कांग्रेस के प्रेसीडेंट रहे। आजादी के बाद वे भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के रामपुर जिले से 1952 में सांसद चुने गए और वे भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने।
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1.भगत सिंह का प्रमुख नारे निम्न में से कौन थे।
1. इन्कलाब जिन्दाबाद, 2. वन्दे मातरम्,
3. कर मत दो, 3. जय जगत
2. महात्मा गाँधी जी का प्रमुख नारे निम्न में से कौन थे
3. लाल बहादुर शास्त्री का प्रमुख नारे निम्न में से कौन थे।
4. मंगल पांडे का प्रमुख नारे निम्न में से कौन थे।
5. जवाहरलाल नेहरू का प्रमुख नारे निम्न में से कौन थे।
6. इकबाल का प्रमुख नारे नारे निम्न में से कौन थे।
7. सरदार बल्लभ भाई पटेल का प्रमुख नारे निम्न में से कौन थे।
3. पूर्ण स्वराज्य, 4. इन्कलाब जिन्दाबाद,
8. सुभाष चन्द बोस का प्रमुख नारे निम्न में से कौन थे।
3. कर मत दो, 4. तुम मुझे खुन दो मैं तुम्हें आजादी दूँगा।
9. दयानन्द सरस्वती का प्रमुख नारे नारे निम्न में से कौन थे।
1. वन्दे मातरम्, 2. वेदों की ओर लौटो
10. जय प्रकाश नारायण का प्रमुख नारे निम्न में से कौन थे।
1. इन्कलाब जिन्दाबाद, 2. वन्दे मातरम्,
3. कर मत दो, 4. सम्पूर्ण क्रांति
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