आज आपको हम बताए गे। भारत के 26 क्रांतिकारियों वीरों के बारे में जो देश की आजादी के लिए कम उर्म में ही शहीद हुए। ऐसे महान शहीदों वीरों को नमंन है जिनकी वजह से हम स्वत्रंता मिली।और आज हम इनकी वजह से ही कही भी घुम सकते है। अपना मनपसंद काम कर सकते है और हम आशा करते है। कि शहीद हुए वीरों के बारे में जानकर आपको अच्छा लगेगा।
खुदीराम बोस
संबंधित घटनाएँ
1908 ई. में सेशन जज किंग्सफोर्ड की गाडी़ पर बम फेंकने के कारण बेणी रेलवे स्टेशन पर गिरफ्तार हुये।
सजा
11 अगस्त, 1908 ई. को फाँसी दे दी गई।
राजेन्द्र लाहिडी़
संबंधित घटनाएँ
दक्षिणेश्वर बम काण्ड तथा काकोरी डाक गाडी़ डकैती काण्ड के सिलसिले में गिरफ्तार हुये।
सजा 17 दिसम्बर, 1927ई. को गोण्ड की जेल में इन्हें फाँसी दे दी गई।
राम प्रसाद बिस्मिल
संबंधित घटनाएँ। मैनपुरी षडयंत्र एवं काकोरी कांड का योजनाकार, इसी कांड में बंदी बनाया गया।
सजा 19 दिसम्बर, 1927 को गोरखपुर
जेल में फाँसी दे दी गई।
अशफाकउल्ला खाँ
संबंधित घटनाएँ
19 अगस्त, 1925 ई. को काकोरी डाकगाडी़ डकैती केस के
अभियोग में बंदी बनाया गया।
सजा
19 दिसम्बर, 1927 ई. को फैजाबाद जेल में फाँसी दे दी गई।
ऊधम सिंह
संबंधित घटनाएँ
13 मार्च, 1940 ई. को सर माइकल- ओ-डायर को कैक्सटन हाॅल, लंदन में गोली मारने के कारण गिरफ्तार हुए।
सजा
31 जुलाई, 1940ई. को पेंटनविले जेल में फाँसी दे दी गई।
भगत सिंह
संबंधित घटनाएँ
साॅण्डर्स की हत्या तथा 8 अप्रैल 1929 ई.को केन्द्रीय विधान सभा (जो आज लोकसभा है) में बम फेंकने के सिलसिले में गिरफ्तारी।
सजा
साॅण्ड्र्स की हत्या के केस में मौत की सजा हुई तथा 23 मार्च, 1931 ई. को फाँसी पर चढ़कर शहीद हो गये।
सुखदेव
संबंधित घटनाएँ
साॅण्डर्स की हत्या के केस में मौत की सजा हुई। 15 अप्रैल, 1929 ई. को गिरफ्तार हुए।
सजा
23 मार्च, 1931 ई. को भगत सिंह के साथ फाँसी दे दी गई।
राजगुरु
संबंधित घटनाएँ
17 दिसम्बर, 1928ई. को साॅण्डर्स की हत्या में भाग लेने के कारण 30 दिसम्बर, 1929 ई. को पूना में एक मोटर गैराज में गिरफ्तार हुए।
सजा
23 मार्च, 1931 ई.को केन्द्रीय जेल लाहौर में भगत सिंह और सुखदेव के साथ फाँसी दे दी गई।
बटुकेश्वर दत्त
संबंधित घटनाएँ
भगत सिंह के साथ केन्द्रीय असेम्बली में बम फेंकने के आरोप
में गिरफ्तार हुए।
सजा
इन्हें आजीवन कारावास का दंड मिला।
चन्द्रशेखर आजाद
संबंधित घटनाएँ
काकोरी डाकगाडी़ डकैती केस के मुख्य अभियुक्त व अंग्रेजी सरकार ने इन्हें जिन्दा या पकड़ने के लिए तीस हजार रुपये पुरस्कार की घोषणा की।
सजा
27 फरवरी, 1931 ई़ को अल्फ्रेड पार्क (इलाहाबाद) में शहीद हुए।
मास्टर अमीचन्द
संबंधित घटनाएँ
दिल्ली षड्यंत्र के प्रमुख क्रान्तिकारी अमीचन्द फरवरी, 1914 ई. में वायसराय लाॅर्ड हार्डिग की हत्या करने के आरोप में बन्दी बनाये गये।
सजा
8 मई, 1915 ई. को चार साथियों के साथ इन्हें फाँसी दे दी गई।
अवध बिहारी बोस
संबंधित घटनाएँ
दिल्ली षड्यंत्र केस एवं लाहौर बम काण्ड के आरोप में फरवरी, 1914 ई़ में इन्हें बन्दी बनाया गया।
सजा
8 मई, 1915 ई. को फाँसी दे दी गई।
दामोदर चापेकर
संबंधित घटनाएँ
22 जुन, 1897 ई. को प्लेग कमिश्वर रैण्ड और लेफ्टिनेंट एयस्र्ट की हत्या के सिलसिले में अपने भाइयों के साथ गिरफ्तार हुए।
नोटः रैण्ड एवं एयस्र्ट की हत्त्या यूरोपियों की प्रथम राजनैतिक हत्या थी।
सजा
18 अप्रैल, 1898 ई. को फाँसी के तख्ते पर चढ़ कर शहीद हो गये। इनके भाई बालकृष्ण चापेकर को 12 मई, 1899 ई. तथा वासुदेव चापेकर को 8 मई,1899 ई. को फाँसी पर लटका दिया गया।
मदन लाल धींगर
संबंधित घटनाएँ
1 जुलाई, 1909 ई. में कर्नल विलियम कर्जन वाइली (इंडिया आफिस में राजनीतिक सहायक ) की हत्या करने के कारण गिरफ्तार हुए।
सजा
16 अगस्त, 1909 ई.को इन्हें फाँसी पर चढा़ दिया गया।
वासुदेव बलवंत फड़के
संबंधित घटनाएँ
एक सशस्त्र सेना बनाकर ब्रिटिश सरकार का विरोध करने के कारण 21 जुलाई, 1879 ई.को गिरफ्तार हुए।
सजा
कालापानी की सजा के सिलसिले में अदन में आमरण अनशन करके 17 फरवरी, 1883 ई. को प्राण त्याग दिये।
करतार सिंह सराबा
संबंधित घटनाएँ
गदर पार्टी के सक्रिय कार्यकर्त्ता तथा लाहौर सैनिक षड्यंत्र के नेता की हैसियत से गिरफ्तार किये गये।
सजा
16 नवम्बर, 1915 ई. को फाँसी के तख्ते पर झूलते हुए शहीद हो गये।
अनन्त कान्हरे
संबंधित घटनाएँ
नासिक के जैक्सन हत्याकाण्ड के प्रमुख अभियुक्त होने के कारण बंदी बनाये गये।
सजा
19 अप्रैल, 1910 ई. को इन्हें फाँसी दे दी गई।
सुभाषचन्द्र बोस
संबंधित घटनाएँ
21 अक्टूबर, 1943 ई. को सिंगापुर में आजाद भारत के अस्थायी सरकार की स्थापना की घोषण की तथा जापानी सेना की सहायता से अंड़मान एवं निकोबार द्बीप समूह पर अधिकार करते हुए, 1944ई. में भारतीय सीमा के इम्फाल क्षेत्र में प्रवेश किया।
सजा
18 अगस्त, 1945 ई. को वायुयान दुर्घटना में इनकी मृत्यु हो गई। परन्तु इस दुर्घटना को अभी तक प्रमाणिक नही माना गया है।
विष्णु गणेश पिंगल
संबंधित घटनाएँ
23 मार्च, 1915 ई. को विस्फोटक बमों के साथ गिरफ्तार कर लिए गए।
सजा
17 नवम्बर, 1915 ई. को इन्हें फाँसी दे दी गई।
ब्रजकिशोर चक्रवत्ती
संबंधित घटनाएँ
मिदनापुर के जिला मजिस्ट्रेट बर्ज पर गोली चलाने के आरोप में 2 सितम्बर 1933 ई. को गिरफ्तार कर लिये गये।
सजा
26 अक्टूबर, 1934 ई. को फाँसी पर इन्हें लटका दिया गया।
कुसाल कोंवर
संबंधित घटनाएँ
9 अक्टूबर, 1942 ई. को ब्रिटिश सैनिक गाडी़ को पटरी से उतारने के संदेह में गिरफ्तार हुए।
सजा
16 जून, 1943 ई. को इन्हें फाँसी दे दी गई।
असित भट्टाचार्य
संबंधित घटनाएँ
13 मार्च, 1933 ई.को हबीबगंज में हुई डाक डकैती तथा हत्या के अन्य मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किये गये।
सजा
2 जुलाई, 1934 ई. को सिलहट जेल में इन्हे फाँसी दे दी गई।
जगन्नाथ शिन्दे
संबंधित घटनाएँ
शोलापुर थाने पर हुए हमलें का अभियोग लगाकर इन्हें बन्दी बनाया गया ।
सजा
12 जनवरी, 1931 ई. में इन्हें फाँसी दे दी गई।
हरकिशन
संबंधित घटनाएँ
23 दिसम्बर, 1930 ई. को पंजाब के गवर्नर पर गोली चलाने के आरोप में गिरफ्तार हुए।
सजा
9 जून, 1931 ई. को इन्हे फाँसी दे दी गई।
सूर्यसेन (मास्टर दा )
संबंधित घटनाएँ
18 अप्रैल, 1930 ई. में चटगाँव स्थित ब्रिटिश शस्त्रागार पर आक्रमण में भाग लेने के कारण गिरफ्तार हुए।
सजा
12 जनवरी, 1935 ई. को इन्हें फाँसी पर लटका दिया गया।
लाला लाजपत राय
संबंधित घटनाएँ
साइमन कमीशन का विरोध करने पर पुलिस के द्वारा पाश्विक लाठी प्रहारों के शिकार हुए।
सजा
लाठी प्रहार के कारण 17 नवम्बर , 1928 ई. को उनका देहांत हो गया।
हम जानते है। कि आपको पढं के अच्छा लगा होगा हमारे क्रांतिकारी के बारे में तो शेयर करना जरुर ताकि और लोगो को हमारी शहीद वीरो के बारे में जानकारी मीले। इसे पढें
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